लाल बैंड के तैमुर रहमान के साथ गुफ्तगू
एक ऐसे दौर में जब दमनकारी सरकार परस्त मीडिया भारत-पाक रिश्ते को सदा उलझाने और भ्हर्तिया जनता में पाकिस्तान के खिलाफ ज़हर भरने का काम कर रही हैं, जब लगभग हर भारतीय के ज़ेहन में पाकिस्तान शब्द सुनते ही कट्टरपंथियों और हिन्दुस्तानियों के खिलाफ साजिश करते आतंकियों के कल्पित चेहरे नजर आते हों, तब पाकिस्तान की सडकों पर गरीबी और बेकद्री से पीड़ित आम जनता के बीच अपने रॉक बैंड की धुन पर फैज़ अहमद फैज़ जिअसे क्रांतिकारी शायरों की रचनाओ को लोकप्रिय बनाते 'लाल बैंड' का नजर आना बेहद रोमांचकारी है/
न्युसक्लिक के सौरभ चतुर्वेदी और पाकिस्तान के लाल बेंड के तैमुर रहमान से बातचीत का सारांश /
सौरभ: आपका बैंड कब और किस मुहीम को ले कर शुरू हुआ ?
तैमुर: हमारा बैंड २००८ मैं रिलीज हुआ / वो वक्त था पाकिस्तान मैं बुक्ला तहरीक का और जम्हूरी तहरीक का / इस सियासी माहौल मैं, जब पाकिस्तान मैं लाखों नौजवान अमरीयत के खिलाफ सड़कों पर निकल आयें, तो हमारी मौसिकी ने उनका नजीद गरमा दिया / लाल बैंड के म्युसिक ने पाकिस्तान नैन जम्हूरियत और कानून की बलदस्ती मैं अहम् किरदार अदा किया हैं/
सौरभ:आप के बैंड मैं कितने सदस्य हैं और उनका क्या परिचय हैं?
तैमुर: महवाश वकार मेरे साथ वोकलिस्ट हैं, हैदर रहमान बांसुरी बजाते हैं / इसके साथ सलमान मालिक बेस गिटार और नदीम हसन ड्रम्स पर होते हैं /
सौरभ: क्या आप लोग इस बैंड के अलावा और भी किसी प्रोफेशन से जुड़े हुए हैं ?
तैमुर: जी बिलकुल! मैं लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनजमेंट साईंस मैं पौलिटिकल साईंस डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर हूँ / महवाश इन्डिजाईंन कंपनी में इंटीरियर डिजाइनर है / हैदर एक बैंक में काम करते हैं / सलमान और नदीम प्रोफेशनल म्युजीशियंस हैं / हम सब प्रोफेशनल्स हैं और म्यूजिक के भी शौक़ीन!
सौरभ: आपके कितने आल्बम्स या गीत जनता के सामने आ चुके हैं ?
तैमुर: इस वक्त हमारे दो आल्बम्स मार्किट में आ चुके हैं -उम्मीद - ए - सहर और उठो मेरी दुनिया / इस के अलावा हमने बहुत सारे सिंगल्स भी रिलीज कीए / इस तरह तकरीबन ३ गीत हमने लोगों की खिदमत में पेश किये हैं /
सौरभ: आप कोई गीत चुनते वक्त क्या बात ख्याल में रखते है ?
तैमुर: एक तो उसका पैगाम और दूसरा उसकी मेलोडी / दोनों का आपस में जुड़ना बड़ा जरूरी हैं /
सौरभ: क्या आप मार्क्सवादी विचारों से प्रेरित हैं ?
तैमुर: जी मैं एक मार्क्सवादी हूँ और पिछले १५ सालों से पाकिस्तान में इस नजरिए को आम बनाने की कोशिश में रहा हूँ /
सौरभ: क्या आप किसी और एक्टिविटी के माध्यम से जनता के बीच अपनी बात ले कर जाते हैं ?
तैमुर: लाल बैंड के अलावा हमने एक लाल थियटर भी बनाया हैं जो की जनता में ड्रामा कर के लोगों का शौर बुलंद करने की कोशिश करता हैं /
सौरभ: क्या आप किसी पौलिटिकल पार्टी से जुड़े हुए हैं ?
तैमुर: मैं कम्युनिस्ट मजदूर किसान पार्टी का जनरल सैक्रेटरी हूँ /
सौरभ: पाकिस्तान की मौजूदा राजनीति के बारे में आपका क्या ख्याल हैं ?
तैमुर: पाकिस्तान के सियासत के हवाले से हमारा ये ख्याल हैं कि पाकिस्तान में दहशतगर्दी और मजहबी इंतिहा पसंदी की मुकाबला करना सब से जरूरी हैं /
सौरभ: भविष्य को ले कर आपकी क्या प्लानिंग हैं?
तैमुर: मैं ये पैगाम देना चाहूँगा कि हमें अपने - अपने मुल्कों में ग़ुरबत और बेरोज़गारी के खिलाफ जंग करनी चाहिए ना कि एक - दूसरे से / बारेश्गीर में आशाद अमन की ज़रुरत हैं /
नोट :
तारीखी: ऐतिहासिक, तहरीक : आन्दॊलन , शौर : समझ , वुक्ला : वकील, अमरीयत: तानाशाही , मौसिकी : संगीत , बलादस्ती : वर्चस्व , जम्हूरी: जनता का , दहशतगर्दी: आतंकवाद
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